टेक्नीशियन कभी बेरोजगार नहीं होते, लाखों रुपये तक कमाते हैं प्रतिमाह

 आदरणीय पाठकगण,

आज के इस ब्लॉग से आपको एक बात समझ आयेगी की हुनर क्यों आवश्यक है?

तथाकथित बेरोजगारी जो सर चढ़ के बोल रही है वह टेक्नीशियन से दूरी बना कर रहती है। क्योंकि टेक्नीशियन बेरोजगारी को अपने पास आने से हुनर के बदौलत रोक देते हैं। 

आज हमारी टीम एक मोटरसाइकिल मिस्त्री के दुकान / वर्कशॉप के पास से गुजरी तो हमलोगों ने वहाँ देखा 

  1. फुटपाथ के निकट दुकान (करीब 50 वर्ग फीट में)
  2. कार्यरत कामगार 5 ( एक टेक्नीशियन 4 प्रशिक्षु)
  3. कार्य क्षमता (10 मोटरसाइकिल सर्विसिंग एवं 20 से ज्यादा छोटे कार्य)
  4. लागत पूंजी - करीब 50 हजार
  5. प्रति दिन की आमदनी - ₹ 5000 + 
  6. कार्य का समय - 7 बजे सुबह से 7 बजे संध्या (अल्पाहार अवकाश कार्य के अनुसार)
  7. प्रशिक्षित टेक्नीशियन के पास कोई व्यवसायिक डिक्री नहीं पर कार्यकुशलता में निपुण 15 + बरसों से कार्यरत
मोटरसाइकिल दुकान

उपलब्धि
प्रतिदिन अपने घर से दुकान पर आना - जाना एवं घर परिवार के लोगों के साथ रहना 
आपके लिये
अब आप यह समझिए कि प्रतिभा पलायन को रोकने का यह उपाय कैसा है?



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